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यह कहना, ‘तेरे पाप क्षमा हुए’ या यह कहना, ‘उठ और चल फिर’?६अब इससे तुम जान जाओ कि मनुष्य के पुत्र को पृथ्वी पर पाप क्षमा करने का अधिकार है।” तब उसने उस लकवे के रोगी से कहा, “उठ, अपनी खाट उठा और अपने घर चला जा।”७और वह उठकर अपने घर चला गया।८यह देखकर लोगों पर भय छा गया और उन्होंने परमेश्वर की महिमा की, जिसने मनुष्यों को ऐसा अधिकार दिया।९वहाँ से आगे बढ़ने पर यीशु ने मत्ती नामक एक मनुष्य को कर-चौकी पर बैठे देखा, और उससे कहा, “मेरे पीछे हो ले।” और वह उठकर उसके पीछे हो लिया।१०फिर ऐसा हुआ कि जब यीशु घर में भोजन करने बैठा, तो देखो, बहुत से कर वसूलनेवाले और पापी आकर यीशु और उसके शिष्यों के साथ भोजन करने लगे।११यह देखकर फरीसी उसके शिष्यों से कहने लगे, “तुम्हारा गुरु कर वसूलनेवालों और पापियों के साथ क्यों भोजन करता है?”१२यह सुनकर यीशु ने कहा, “वैद्य की आवश्यकता स्वस्थ लोगों को नहीं बल्कि बीमारों को है।१३तुम जाकर इसका अर्थ सीखो: मैं दया चाहता हूँ, बलिदान नहीं; क्योंकि मैं धर्मियों को नहीं बल्कि पापियों को बुलाने आया हूँ।”१४तब यूहन्ना के शिष्यों ने उसके पास आकर कहा, “क्या कारण है कि हम और फरीसी तो बहुत उपवास करते हैं, परंतु तेरे शिष्य उपवास नहीं करते?”१५तब यीशु ने उनसे कहा, “जब दूल्हा बरातियों के साथ है, तो क्या वे शोक मना सकते हैं? परंतु वे दिन आएँगे जब दूल्हा उनसे अलग कर दिया जाएगा, तब वे उपवास करेंगे।१६पुराने वस्त्र पर कोई नए कपड़े का पैवंद नहीं लगाता, क्योंकि पैवंद से वह वस्त्र खिंच जाएगा और पहले से भी अधिक फट जाएगा।१७कोई पुरानी मशकों में नया दाखरस भर कर नहीं रखता, नहीं तो मशकें फट जाती हैं, और दाखरस बह जाता है और मशकें नष्ट हो जाती हैं; इसलिए नया दाखरस नई मशकों में भरते हैं और वे दोनों सुरक्षित रहते हैं।”१८जब वह इन बातों को उनसे कह ही रहा था कि देखो, एक अधिकारी आया और उसे दंडवत् करके कहने लगा, “मेरी बेटी अभी मरी है; परंतु तू आकर उस पर अपना हाथ रख दे, और वह जीवित हो जाएगी।”१९तब यीशु उठकर अपने शिष्यों के साथ उसके पीछे चल दिया।२०और देखो, एक स्त्री ने जो बारह वर्ष से रक्तस्राव से पीड़ित थी, पीछे से आकर यीशु के वस्त्र का किनारा छू लिया।Hindi Bible HSB HINDI STANDARD BIBLE© Copyright © 2023 by Global Bible Initiative१इसलिये येशु नाव में सवार होकर झील पार करके अपने ही नगर में आ गए.२कुछ लोग एक लकवा पीड़ित को बिछौने पर उनके पास लाए. उनका विश्वास देख येशु ने रोगी से कहा, “तुम्हारे लिए यह आनंद का विषय है: तुम्हारे पाप क्षमा हो गए हैं.”३कुछ शास्त्री आपस में कहने लगे, “यह तो परमेश्वर की निंदा कर रहा है!”४उनके विचारों का अहसास होने पर येशु उन्हें संबोधित कर बोले, “क्यों अपने मनों में बुरा विचार कर रहे हो?५क्या कहना सरल है, ‘तुम्हारे पाप क्षमा हो गए’ या ‘उठो, चलने लगो?’६किंतु इसका उद्देश्य यह है कि तुम्हें यह मालूम हो जाए कि मनुष्य के पुत्र को पृथ्वी पर पाप क्षमा का अधिकार सौंपा गया है.” तब रोगी से येशु ने कहा, “उठो, अपना बिछौना उठाओ और अपने घर जाओ.”७वह उठा और घर चला गया.८यह देख भीड़ हैरान रह गई और परमेश्वर का गुणगान करने लगी, जिन्होंने मनुष्यों को इस प्रकार का अधिकार दिया है.९वहां से जाने के बाद येशु ने चुंगी लेनेवाले के आसन पर बैठे हुए एक व्यक्ति को देखा, जिसका नाम मत्तियाह था. येशु ने उसे आज्ञा दी, “मेरे पीछे हो ले.” मत्तियाह उठकर येशु के साथ हो लिए.१०जब येशु भोजन के लिए बैठे थे, अनेक चुंगी लेनेवाले तथा अपराधी व्यक्ति भी उनके साथ शामिल थे.११यह देख फ़रीसियों ने आपत्ति उठाते हुए येशु के शिष्यों से कहा, “तुम्हारे गुरु चुंगी लेनेवाले और अपराधी व्यक्तियों के साथ भोजन क्यों करते हैं?”१२यह सुन येशु ने स्पष्ट किया, “चिकित्सक की ज़रूरत स्वस्थ व्यक्ति को नहीं परंतु रोगी व्यक्ति को होती है.१३अब जाओ और इस कहावत का अर्थ समझो: ‘मैं बलिदान से नहीं, पर दया से प्रसन्न होता हूं,’ क्योंकि मैं धर्मियों को नहीं परंतु पापियों को बुलाने के लिए इस पृथ्वी पर आया हूं.”१४बपतिस्मा देनेवाले योहन के शिष्य येशु के पास आए और उनसे प्रश्न किया, “क्या कारण है कि फ़रीसी और हम तो उपवास करते हैं किंतु आपके शिष्य नहीं?”१५येशु ने उन्हें समझाया: “क्या यह संभव है कि दुल्हे के होते हुए बाराती विलाप करें? हां, ऐसा समय आएगा जब दूल्हा उनसे अलग कर दिया जाएगा—तब वे उपवास करेंगे.१६“पुराने वस्त्र में कोई भी नये कपड़े का जोड़ नहीं लगाता, नहीं तो कोरा वस्त्र का जोड़ सिकुड़ कर वस्त्र से अलग हो जाता है और वस्त्र और भी अधिक फट जाता है.१७वैसे ही लोग नए दाखरस को पुरानी मशकों में नहीं रखते; अन्यथा वे फट जाती हैं और दाखरस तो बहकर नाश हो ही जाता है, साथ ही मशके भी. नया दाखरस नई मशकों में ही रखा जाता है. परिणामस्वरूप दोनों ही सुरक्षित रहते हैं.”१८जब येशु उन लोगों से इन विषयों पर बातचीत कर रहे थे, यहूदी सभागृह का एक अधिकारी उनके पास आया और उनके सामने झुककर विनती करने लगा, “कुछ देर पहले ही मेरी पुत्री की मृत्यु हुई है. आप कृपया आकर उस पर हाथ रख दीजिए और वह जीवित हो जाएगी.”१९येशु और उनके शिष्य उसके साथ चले गए.२०मार्ग में बारह वर्ष से लहूस्राव-पीड़ित एक स्त्री ने पीछे से आकर येशु के वस्त्र के छोर को छुआ,Hindi Bible HSS The Holy Bible, Hindi Contemporary Version Copyright © 1978, 2009, 2016, 2019 by Biblica, Inc.® Used by permission of Biblica, Inc.® worldwide. पवित्र बाइबिल, हिंदी समकालीन संस्करण © 1978, 2009, 2016, 2019 Biblica, Inc.® Biblica, Inc.® की अनुमति से उपयोग किया जाता है. दुनिया भर में आरक्षित सभी अधिकार.१फिर वह नाव पर चढ़कर पार गया, और अपने नगर में आया।२और कई लोग एक लकवे के मारे हुए को खाट पर रखकर उसके पास लाए। यीशु ने उनका विश्वास देखकर, उस लकवे के मारे हुए से कहा, “हे पुत्र, धैर्य रख; तेरे पाप क्षमा हुए।”३और कई शास्त्रियों ने सोचा, “यह तो परमेश्वर की निन्दा करता है।”४यीशु ने उनके मन की बातें जानकर कहा, “तुम लोग अपने-अपने मन में बुरा विचार क्यों कर रहे हो?५सहज क्या है? यह कहना, ‘तेरे पाप क्षमा हुए’, या यह कहना, ‘उठ और चल फिर।’६परन्तु इसलिए कि तुम जान लो कि मनुष्य के पुत्र को पृथ्वी पर पाप क्षमा करने का अधिकार है।” उसने लकवे के मारे हुए से कहा, “उठ, अपनी खाट उठा, और अपने घर चला जा।”७वह उठकर अपने घर चला गया।८लोग यह देखकर डर गए और परमेश्वर की महिमा करने लगे जिसने मनुष्यों को ऐसा अधिकार दिया है।९वहाँ से आगे बढ़कर यीशु ने मत्ती नामक एक मनुष्य को चुंगी की चौकी पर बैठे देखा, और उससे कहा, “मेरे पीछे हो ले।” वह उठकर उसके पीछे हो लिया।१०और जब वह घर में भोजन करने के लिये बैठा तो बहुत सारे चुंगी लेनेवाले और पापी आकर यीशु और उसके चेलों के साथ खाने बैठे।११यह देखकर फरीसियों ने उसके चेलों से कहा, “तुम्हारा गुरु चुंगी लेनेवालों और पापियों के साथ क्यों खाता है?”१२यह सुनकर यीशु ने उनसे कहा, “वैद्य भले चंगों को नहीं परन्तु बीमारों के लिए आवश्यक है।१३इसलिए तुम जाकर इसका अर्थ सीख लो, कि मैं बलिदान नहीं परन्तु दया चाहता हूँ; क्योंकि मैं धर्मियों को नहीं परन्तु पापियों को बुलाने आया हूँ।”१४तब यूहन्ना के चेलों ने उसके पास आकर कहा, “क्या कारण है कि हम और फरीसी इतना उपवास करते हैं, पर तेरे चेले उपवास नहीं करते?”१५यीशु ने उनसे कहा, “क्या बाराती, जब तक दूल्हा उनके साथ है शोक कर सकते हैं? पर वे दिन आएँगे कि दूल्हा उनसे अलग किया जाएगा, उस समय वे उपवास करेंगे।१६नये कपड़े का पैबन्द पुराने वस्त्र पर कोई नहीं लगाता, क्योंकि वह पैबन्द वस्त्र से और कुछ खींच लेता है, और वह अधिक फट जाता है।१७और लोग नया दाखरस पुरानी मशकों में नहीं भरते हैं; क्योंकि ऐसा करने से मशकें फट जाती हैं, और दाखरस बह जाता है और मशकें नाश हो जाती हैं, परन्तु नया दाखरस नई मशकों में भरते हैं और वह दोनों बची रहती हैं।”१८वह उनसे ये बातें कह ही रहा था, कि एक सरदार ने आकर उसे प्रणाम किया और कहा, “मेरी पुत्री अभी मरी है; परन्तु चलकर अपना हाथ उस पर रख, तो वह जीवित हो जाएगी।”१९यीशु उठकर अपने चेलों समेत उसके पीछे हो लिया।२०और देखो, एक स्त्री ने जिसके बारह वर्ष से लहू बहता था, उसके पीछे से आकर उसके वस्त्र के कोने को छू लिया।Hindi Bible IRV 2019 Copyright © 2017, 2018 Bridge Connectivity Solutions१फिर वह नाव पर चढ़कर पार गया, और अपने नगर में आया।२और देखो, कई लोग एक झोले के मारे हुए को खाट पर रखकर उसके पास लाए। यीशु ने उन का विश्वास देखकर, उस झोले के मारे हुए से कहा, “हे पुत्र, ढाढ़स बान्ध; तेरे पाप क्षमा हुए।”३और देखो, कई शास्त्रियों ने सोचा, कि यह तो परमेश्वर की निन्दा करता है।४यीशु ने उनके मन की बातें मालूम करके कहा, “तुम लोग अपने-अपने मन में बुरा विचार क्यों कर रहे हो?५सहज क्या है? यह कहना, कि तेरे पाप क्षमा हुए; या यह कहना कि उठ और चल फिर।६परन्तु इसलिये कि तुम जान लो कि मनुष्य के पुत्र को पृथ्वी पर पाप क्षमा करने का अधिकार है। उसने झोले के मारे हुए से कहा: उठ, अपनी खाट उठा, और अपने घर चला जा।”७वह उठकर अपने घर चला गया।८लोग यह देखकर डर गए और परमेश्वर की महिमा करने लगे जिसने मनुष्यों को ऐसा अधिकार दिया है।९वहाँ से आगे बढ़कर यीशु ने मत्ती नाम एक मनुष्य को महसूल की चौकी पर बैठे देखा, और उससे कहा, “मेरे पीछे हो ले।” वह उठकर उसके पीछे हो लिया।१०और जब वह घर में भोजन करने के लिये बैठा तो बहुतेरे महसूल लेनेवालें और पापी आकर यीशु और उसके चेलों के साथ खाने बैठे।११यह देखकर फरीसियों ने उसके चेलों से कहा, “तुम्हारा गुरू महसूल लेनेवालों और पापियों के साथ क्यों खाता है?”१२यह सुनकर यीशु ने उनसे कहा, “वैद्द भले चंगों को नहीं परन्तु बीमारों के लिए आवश्यक है।१३इसलिए तुम जाकर इसका अर्थ सीख लो, कि मैं बलिदान नहीं परन्तु दया चाहता हूँ; क्योंकि मैं धर्मियों को नहीं परन्तु पापियों को बुलाने आया हूँ।”१४तब यूहन्ना के चेलों ने उसके पास आकर कहा, “क्या कारण है कि हम और फरीसी इतना उपवास करते हैं, पर तेरे चेले उपवास नहीं करते?”१५यीशु ने उनसे कहा, “क्या बराती, जब तक दुल्हा उनके साथ है शोक कर सकते हैं? पर वे दिन आएँगे कि दूल्हा उनसे अलग किया जाएगा, उस समय वे उपवास करेंगे।१६कोरे कपड़े का पैवन्द पुराने वस्त्र पर कोई नहीं लगाता, क्योंकि वह पैवन्द वस्त्र से और कुछ खींच लेता है, और वह अधिक फट जाता है।१७और नया दाखरस पुरानी मशकों में नहीं भरते हैं; क्योंकि ऐसा करने से मशकें फट जाती हैं, और दाखरस बह जाता है और मशकें नाश हो जाती हैं, परन्तु नया दाखरस नई मशकों में भरते हैं और वह दोनों बची रहती हैं।”१८वह उनसे ये बातें कह ही रहा था, कि देखो, एक सरदार ने आकर उसे प्रणाम किया और कहा, “मेरी पुत्री अभी मरी है; परन्तु चलकर अपना हाथ उस पर रख, तो वह जीवित हो जाएगी।”१९यीशु उठकर अपने चेलों समेत उसके पीछे हो लिया।२०और देखो, एक स्त्री ने जिसके बारह वर्ष से लहू बहता था, उसके पीछे से आकर उसके वस्त्र के आँचल को छू लिया।Hindi Bible 2017 Copyright © 2017 Bridge Connectivity Solutions. Released under the Creative Commons Attribution No Derivatives license 4.0१Yeeshu bauṭ meñ beiṭh ke u paar aapan gaaoñ meñ gais.२Huañ pe kuchh log ek lakwa se bimaar admi ke khaṭia pe rakh ke Yeeshu ke lage laain. Yeeshu ulog ke biswaas dekh ke u bimaria se bolis, “Hamaar dost, wari nai karo! Tumhaar paap maafi hoy gay hei.”३I sun ke Maozas ke kaanuun ke guru log apne meñ bolin, “I Parmeshwar ke buraai kare hei.”४Yeeshu ulog ke man ke baat jaan ke bolis, “Tum log aapan man meñ etna kharaab kaahe ke sochta hei?”५Sahaj kon cheej hei? I bole ke ki tumhaar paap maafi hoy gais ki i bole ke ki uṭho aur chalo firo.६Lekin tum sab ke dekhaayga ki Manush ke laṛka ke hak mila hei ki u dunia meñ paap ke maaf kare.” Aur Yeeshu u admi se bolis, “Aapan khaṭia uṭhaao aur aapan ghare chala jaao.”७U uṭh ke aapan ghare chala gais.८I dekh ke sab log ḍar gain aur Parmeshwar ke gun gaay lagin jon admi ke eisan kaam kare ke hak dees hei.९Jab Yeeshu huañ se chala gais, tab aage baṛh ke u Methiu naam ke ek admi ke ṭeks baṭorewaala kursi pe beiṭha dekhis. Yeeshu usse bolis, “Hamaar pichchhe aao.” Methiu uṭhis aur Yeeshu ke pichchhe hoy lees.१०Aur jab Yeeshu Methiu ke ghare khaana khaay laga tab aur dusra ṭeks baṭorewaala log aur kuchh paapi aur chela log bhi huañ uske sañghe khaana khaay lagin.११I sab dekh ke Farisi log uske chela log se bolin, “Tumhaar guru, ṭeks baṭorewaala aur paapi log ke sañghe kaahe khaay piye hei?”१२Yeeshu i sab sun ke ulog se bolis, “Bhala changa log ke ḍokṭa ke jaruurat nai howe hei lekin bimaria log ke jaruur howe hei.१३Yahi khaatir tum jaay ke seekho jab Baaibal bole hei, ‘Ham bali nai mañgta hei, lekin dusra ke uppar daya karo.’ Ham achchha log ke nai lekin paapi log ke bolaay aaya hei.”१४Tab ek roj Yuhanna Baptisma de waala ke chela log Yeeshu ke lage aay ke bole lagin, “Kaa kaaran hei ki ham aur Farisi etna upwaas rakhta hei, lekin tumhaar chela log to nai rakkhe hei?”१५Yeeshu ulog se bolis, “Jab tak dulha baraati ke sañghe rahe hei, kaa ulog dukh meñ rahe hei? Nai. Lekin ek roj aai jab dulha ulog se alag hoy jaai aur u ṭaaim ulog upwaas rakhiyeñ.१६Nawa kapṛa se puraana kapṛa pe chakti koi nai lagaawe hei, kaahe ke u chakti khichaay jaay hei aur kapṛa faṭ jaay hei.१७Aur nawa añguur ke ras bhi puraana chamṛa ke jholi meñ nai bhara jaay hei, kaahe ke eise kare se chamṛa ke jholi faṭ jaai. Lekin haañ, taaja añguur ke ras nawa jholi meñ bhara jaay hei, yahi kaaran duuno ṭheek rahe hei.१८Jab Yeeshu ulog se baat karat raha, tab ek ofisa aay ke uske saamne ghuṭna pe gir ke bolis, “Hamaar laṛki abhi abhi maris hei, lekin agar tum chal ke aur aapan haath uspe rakh deo to u jinda hoy jaai.”१९Yeeshu uṭh ke aapan chela log ke leke uske sañghe chal paṛis.२०Ek aurat jiske baarah saal se khuun bahat raha, pichchhe se aay ke Yeeshu ke kapṛa chhui lees.Hindi Fiji Bible Fiji Romanised Hindi © Bible Society of South Pacific, 2016१येशु नाव पर बैठ गये और झील को पार कर अपने नगर में आए।२उस समय कुछ लोग खाट पर पड़े हुए लकुवे के एक रोगी को उनके पास लाए। उनका विश्वास देख कर येशु ने लकुवे के रोगी से कहा, “पुत्र, धैर्य रखो! तुम्हारे पाप क्षमा हो गये।”३कुछ शास्त्रियों ने मन में सोचा − यह तो ईश-निन्दा करता है।४उनके ये विचार जान कर येशु ने कहा, “तुम लोग मन में बुरे विचार क्यों ला रहे हो?५अधिक सहज क्या है − यह कहना, ‘तुम्हारे पाप क्षमा हो गये हैं’ अथवा यह कहना, ‘उठो और चलो-फिरो’?६किन्तु इसलिए कि तुम लोग यह जान लो कि मानव पुत्र को पृथ्वी पर पाप क्षमा करने का अधिकार है” − तब वह लकुवे के रोगी से बोले − “उठो और अपनी खाट उठा कर घर जाओ।”७और वह उठा और अपने घर चला गया।८यह देख कर लोग डर गए और परमेश्वर की स्तुति करने लगे, जिसने मनुष्यों को ऐसा अधिकार प्रदान किया है।९येशु वहाँ से आगे बढ़े। उन्होंने मत्ती नामक व्यक्ति को चुंगी-घर में बैठा हुआ देखा और उससे कहा, “मेरे पीछे आओ”, और वह उठ कर उनके पीछे हो लिया।१०जब येशु घर में भोजन करने बैठे तब अनेक चुंगी-अधिकारी और पापी जन आए। वे भी येशु और उनके शिष्यों के साथ भोज में सम्मिलित हो गए।११यह देख कर फरीसियों ने उनके शिष्यों से कहा, “तुम्हारे गुरु चुंगी-अधिकारियों और पापियों के साथ क्यों भोजन कर रहे हैं?”१२येशु ने यह सुन कर उन से कहा, “निरोगों को नहीं, किन्तु रोगियों को वैद्य की आवश्यकता होती है।१३जा कर सीखो कि इस कथन का क्या अर्थ है: ‘मैं बलिदान नहीं, बल्कि दया चाहता हूँ।’ मैं धार्मिकों को नहीं, पापियों को बुलाने आया हूँ।”१४तब योहन के शिष्य आए और यह बोले, “क्या कारण है कि हम और फरीसी बहुत उपवास करते हैं, किन्तु आपके शिष्य उपवास नहीं करते?”१५येशु ने उन से कहा, “जब तक दूल्हा साथ है, क्या बाराती शोक मना सकते हैं? किन्तु वे दिन आएँगे, जब दूल्हा उन से ले लिया जाएगा। तब वे उपवास करेंगे।१६“कोई पुराने कपड़े पर कोरे कपड़े का पैबंद नहीं लगाता, क्योंकि वह पैबंद सिकुड़ कर पुराना कपड़ा फाड़ देता है और चीर बढ़ जाती है।१७इसी प्रकार लोग पुरानी मशकों में नया दाखरस नहीं भरते। नहीं तो मशकें फट जाती हैं, दाखरस बह जाता है और मशकें बरबाद हो जाती हैं। लोग नया दाखरस नयी मशकों में भरते हैं। इस प्रकार दोनों ही सुरक्षित रहते हैं।”१८येशु उन से ये बातें कह ही रहे थे कि एक अधिकारी आया। उसने येशु के सामने घुटने टेक कर यह कहा, “मेरी बेटी की अभी-अभी मृत्यु हुई है। फिर भी आप चल कर उस पर हाथ रखिए और वह जीवित हो जाएगी।”१९येशु उठ कर अपने शिष्यों के साथ उसके पीछे गए।२०उस समय एक स्त्री, जो बारह बरस से रक्तस्राव से पीड़ित थी, पीछे से आई और उसने येशु के वस्त्र के सिरे को छू लिया;Hindi Bible CL BSI Hindi CL Bible - पवित्र बाइबिल Copyright © Bible Society of India, 2015. Used by permission. worldwide१फिर वह नाव पर चढ़कर पार गया, और अपने नगर में आया।२और देखो, कई लोग लकवा के एक रोगी को खाट पर रखकर उसके पास लाए। यीशु ने उनका विश्वास देखकर, उस लकवे के रोगी से कहा, “हे पुत्र, ढाढ़स बाँध; तेरे पाप क्षमा हुए।”३इस पर कई शास्त्रियों ने सोचा, “यह तो परमेश्वर की निन्दा करता है।”४यीशु ने उनके मन की बातें जानकर कहा, “तुम लोग अपने–अपने मन में बुरा विचार क्यों कर रहे हो?५सहज क्या है? यह कहना, ‘तेरे पाप क्षमा हुए’, या यह कहना, ‘उठ और चल फिर।’६परन्तु इसलिये कि तुम जान लो कि मनुष्य के पुत्र को पृथ्वी पर पाप क्षमा करने का अधिकार है। ” तब उसने लकवे के रोगी से कहा, “उठ, अपनी खाट उठा, और अपने घर चला जा।”७वह उठकर अपने घर चला गया।८लोग यह देखकर डर गए और परमेश्वर की महिमा करने लगे जिसने मनुष्यों को ऐसा अधिकार दिया है।९वहाँ से आगे बढ़कर यीशु ने मत्ती नामक एक मनुष्य को महसूल की चौकी पर बैठे देखा, और उससे कहा, “मेरे पीछे हो ले। ” वह उठकर उसके पीछे हो लिया।१०जब वह घर में भोजन करने के लिए बैठा तो बहुत से महसूल लेनेवाले और पापी आकर यीशु और उसके चेलों के साथ खाने बैठे।*११यह देखकर फरीसियों ने उसके चेलों से कहा, “तुम्हारा गुरु महसूल लेनेवालों और पापियों के साथ क्यों खाता है?”१२यह सुनकर यीशु ने उनसे कहा, “वैद्य भले चंगों के लिए नहीं परन्तु बीमारों के लिए आवश्यक है।१३इसलिये तुम जाकर इसका अर्थ सीख लो: ‘मैं बलिदान नहीं परन्तु दया चाहता हूँ।’ क्योंकि मैं धर्मियों को नहीं, परन्तु पापियों को बुलाने आया हूँ।”१४तब यूहन्ना के चेलों ने उसके पास आकर कहा, “क्या कारण है कि हम और फरीसी इतना उपवास करते हैं, पर तेरे चेले उपवास नहीं करते?”१५यीशु ने उनसे कहा, “क्या बराती, जब तक दूल्हा उनके साथ है, शोक कर सकते हैं? पर वे दिन आएँगे जब दूल्हा उनसे अलग किया जाएगा, उस समय वे उपवास करेंगे।१६कोरे कपड़े का पैबन्द पुराने वस्त्र पर कोई नहीं लगाता, क्योंकि वह पैबन्द उस वस्त्र से कुछ और खींच लेता है, और वह अधिक फट जाता है।१७और लोग नया दाखरस पुरानी मशकों में नहीं भरते हैं, क्योंकि ऐसा करने से मशकें फट जाती हैं, और दाखरस बह जाता है और मशकें नष्ट हो जाती हैं; परन्तु नया दाखरस नई मशकों में भरतें हैं और वे दोनों बचे रहते हैं।”१८वह उनसे ये बातें कह ही रहा था, कि देखो, एक सरदार ने आकर उसे प्रणाम किया और कहा, “मेरी पुत्री अभी मरी है, परन्तु चलकर अपना हाथ उस पर रख, तो वह जीवित हो जाएगी।”१९यीशु उठकर अपने चेलों समेत उसके पीछे हो लिया।२०और देखो, एक स्त्री ने जिसको बारह वर्ष से लहू बहने का रोग था, पीछे से आकर उसके वस्त्र के आँचल को छू लिया।Hindi Bible OV BSI Hindi OV (Re-edited) Bible - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible Copyright © 2012 by The Bible Society of India Used by permission. worldwide१फिर यीशु एक नाव पर जा चढ़ा और झील के पार अपने नगर आ गया।२लोग लकवे के एक रोगी को खाट पर लिटा कर उसके पास लाये। यीशु ने जब उनके विश्वास को देखा तो उसने लकवे के रोगी से कहा, “हिम्मत रख हे बालक, तेरे पाप को क्षमा किया गया!”३तभी कुछ यहूदी धर्मशास्त्री आपस में कहने लगे, “यह व्यक्ति (यीशु) अपने शब्दों से परमेश्वर का अपमान करता है।”४यीशु, क्योंकि जानता था कि वे क्या सोच रहे हैं, उनसे बोला, “तुम अपने मन में बुरे विचार क्यों आने देते हो?५अधिक सहज क्या है? यह कहना कि ‘तेरे पाप क्षमा हुए’ या यह कहना ‘खड़ा हो और चल पड़?’ ताकि तुम यह जान सको कि पृथ्वी पर पापों को क्षमा करने की शक्ति मनुष्य के पुत्र में हैं।” यीशु ने लकवे के मारे से कहा, “खड़ा हो, अपना बिस्तर उठा और घर चला जा।”६वह लकवे का रोगी खड़ा हो कर अपने घर चला गया।७जब भीड़ में लोगों ने यह देखा तो वे श्रद्धामय विस्मय से भर उठे और परमेश्वर की स्तुति करने लगे जिसने मनुष्य को ऐसी शक्ति दी।८यीशु जब वहाँ से जा रहा था तो उसने चुंगी की चौकी पर बैठे एक व्यक्ति को देखा। उसका नाम मत्ती था। यीशु ने उससे कहा, “मेरे पीछे चला आ।” इस पर मत्ती खड़ा हुआ और उसके पीछे हो लिया।९ऐसा हुआ कि जब यीशु मत्ती के घर बहुत से चुंगी वसूलने वालों और पापियों के साथ अपने अनुयायियों समेत भोजन कर रहा था१०तो उसे फरीसियों ने देखा। वे यीशु के अनुयायियों से पूछने लगे, “तुम्हारा गुरु चुंगी वसूलने वालों और दुष्टों के साथ खाना क्यों खा रहा है?”११यह सुनकर यीशु उनसे बोला, “स्वस्थ लोगों को नहीं बल्कि रोगियों को एक चिकित्सक की आवश्यकता होती है।१२इसलिये तुम लोग जाओ और समझो कि शास्त्र के इस वचन का अर्थ क्या है, ‘मैं बलिदान नहीं चाहता बल्कि दया चाहता हूँ।’ मैं धर्मियों को नहीं, बल्कि पापियों को बुलाने आया हूँ।”१३फिर बपतिस्मा देने वाले यूहन्ना के शिष्य यीशु के पास गये और उससे पूछा, “हम और फ़रीसी बार-बार उपवास क्यों करते हैं और तेरे अनुयायी क्यों नहीं करते?”१४फिर यीशु ने उन्हें बताया, “क्या दूल्हे के साथी, जब तक दूल्हा उनके साथ है, शोक मना सकते हैं? किन्तु वे दिन आयेंगे जब दूल्हा उन से छीन लिया जायेगा। फिर उस समय वे दुःखी होंगे और उपवास करेंगे।१५“बिना सिकुड़े नये कपड़े का पैबंद पुरानी पोशाक पर कोई नहीं लगाता क्योंकि यह पैबंद पोशाक को और अधिक फाड़ देगा और कपड़े की खींच और बढ़ जायेगी।१६नया दाखरस पुरानी मशकों में नहीं भरा जाता नहीं तो मशकें फट जाती हैं और दाखरस बहकर बिखर जाता है। और मशकें भी नष्ट हो जाती हैं। इसलिये लोग नया दाखरस, नयी मशकों में भरते हैं जिससे दाखरस और मशक दोनों ही सुरक्षित रहते हैं।”१७यीशु उन लोगों को जब ये बातें बता ही रहा था, तभी यहूदी आराधनालय का एक मुखिया उसके पास आया और उसके सामने झुक कर विनती करते हुए बोला, “अभी-अभी मेरी बेटी मर गयी है। तू चल कर यदि उस पर अपना हाथ रख दे तो वह फिर से जी उठेगी।”१८इस पर यीशु खड़ा हो कर अपने शिष्यों समेत उसके साथ चल दिया।१९वहीं एक ऐसी स्त्री थी जिसे बारह साल से बहुत अधिक रक्त बह रहा था। वह पीछे से यीशु के निकट आयी और उसके वस्त्र की कन्नी छू ली।२०वह मन में सोच रही थी, “यदि मैं तनिक भी इसका वस्त्र छू पाऊँ, तो ठीक हो जाऊँगी।”Hindi Bible ERV Easy-to-Read Version Copyright © 2010 World Bible Translation Center१फिर वह नाव पर चढ़कर पार गया; और अपने नगर में आया।२और देखो, कई लोग एक झोले के मारे हुए को खाट पर रखकर उसके पास लाए; यीशु ने उन का विश्वास देखकर, उस झोले के मारे हुए से कहा; हे पुत्रा, ढाढ़स बान्ध; तेरे पाप क्षमा हुए।३और देखो, कई शास्त्रियों ने सोचा, कि यह तो परमेश्वर की निन्दा करता है।४यीशु ने उन के मन की बातें मालूम करके कहा, कि तुम लोग अपने अपने मन में बुरा विचार क्यों कर रहे हो?५सहज क्या है, यह कहना, कि तेरे पाप क्षमा हुए; या यह कहना कि उठ और चल फिर।६परन्तु इसलिये कि तुम जान लो कि मनुष्य के पुत्रा को पृथ्वी पर पाप क्षमा करने का अधिकार है (उस ने झोले के मारे हुए से कहा ) उठ: अपनी खाट उठा, और अपने घर चला जा।७वह उठकर अपने घर चला गया।८लोग यह देखकर डर गए और परमेश्वर की महिमा करने लगे जिस ने मनुष्यों को ऐसा अधिकार दिया है।।९वहां से आगे बढ़कर यीशु ने मत्ती नाम एक मनुष्य को महसूल की चौकी पर बैठे देखा, और उस से कहा, मेरे पीछे हो ले। वह उठकर उसके पीछे हो लिया।।१०और जब वह घर में भोजन करने के लिये बैठा तो बहुतेरे महसूल लेनेवालों और पापी आकर यीशु और उसके चेलों के साथ खाने बैठे।११यह देखकर फरीसियों ने उसके चेलों से कहा; तुम्हारा गुरू महसूल लेनेवालों और पापियों के साथ क्यों खाता है?१२उस ने यह सुनकर उन से कहा, वैद्य भले चंगों को नहीं परन्तु बीमारों को अवश्य है।१३सो तुम जाकर इस का अर्थ सीख लो, कि मैं बलिदान नहीं परन्तु दया चाहता हूं; क्योंकि मैं धर्मियों को नहीं परन्तु पापियों को बुलाने आया हूं।।१४तब यूहन्ना के चेलों ने उसके पास आकर कहा; क्या कारण है कि हम और फरीसी इतना उपवास करते हैं, पर तेरे चेले उपवास नहीं करते?१५यीशु ने उन से कहा; क्या बराती, जब तक दुल्हा उन के साथ है शोक कर सकते हैं? पर वे दिन आएंगे कि दूल्हा उन से अलग किया जाएगा, उस समय वे उपवास करेंगे।१६कोरे कपड़े का पैबन्द पुराने पहिरावन पर कोई नहीं लगाता, क्योंकि वह पैबन्द पहिरावन से और कुछ खींच लेता है, और वह अधिक फट जाता है।१७और नया दाखरस पुरानी मशकों में नहीं भरते हैं; क्योंकि ऐसा करने से मश्कें फट जाती हैं, और दाखरस बह जाता है और मशकें नाश हो जाती हैं, परन्तु नया दाखरस नई मश्कों में भरते हैं और वह दोनों बची रहती हैं।१८वह उन से ये बातें कह ही रहा था, कि देखो, एक सरदार ने आकर उसे प्रणाम किया और कहा मेरी पुत्री अभी मरी है; परन्तु चलकर अपना हाथ उस पर रख, तो वह जीवित हो जाएगी।१९यीशु उठकर अपने चेलों समेत उसके पीछे हो लिया।२०और देखो, एक स्त्री ने जिस के बारह वर्ष से लोहू बहता था, उसके पीछे से आकर उसके वस्त्रा के आंचल को छू लिया।Hindi Bible (HHBD) Public Domain: Hindi (HHBD) No Info on year१fir vah nav par chaddhkar par gaya aur apane nagar men aya.२aur dekho, kai log aek jhole ke mare huae ko khatt par rakhkar usake pas laae yeeshu ne un ka vishvas dekhkar, us jhole ke mare huae se kaha he putra, ddhaddhs bandha tere pap kshama hue.३aur dekho, kai shaastriayon ne socha, ki yah to parameshvar kee ninda karata haai.४yeeshu ne un ke man kee baten maloom karake kaha, ki tum log apane apane man men bura vichar kyon kar rahe ho?५sahaj kya haai, yah kahana, ki tere pap kshama hue ya yah kahana ki utt aur chal fira.६parantu isaaliye ki tum jan lo ki manushy ke putra ko prathvee par pap kshama karane ka adhaikar haai us ne jhole ke mare huae se kaha utt: apanee khatt utta, aur apane ghar chala ja.७vah uttkar apane ghar chala gaya.८log yah dekhkar dr gaae aur parameshvar kee maahima karane lage jis ne manushyon ko aeesa adhaikar diya haai..९vahan se age baddhkar yeeshu ne mattee nam aek manushy ko mahasool kee chaukee par baaitte dekha, aur us se kaha, mere peechhe ho le. vah uttkar usake peechhe ho liya..१०aur jab vah ghar men bhojan karane ke liye baaitta to bahutere mahasool lenevalon aur papee akar yeeshu aur usake chelon ke sath khane baaitte.११yah dekhkar fareesiyon ne usake chelon se kaha tumhara guroo mahasool lenevalon aur papiyon ke sath kyon khata haai?१२us ne yah sunakar un se kaha, vaaidh bhle changon ko naheen parantu beemaron ko avashy haai.१३so tum jakar is ka arth seekh lo, ki maain baalidan naheen parantu daya chahata hoon kyonki maain dhaarmiyon ko naheen parantu paapiyon ko bulane aya hoon..१४tab yoohanna ke chelon ne usake pas akar kaha kya karan haai ki ham aur fareesee itana upavas karate haai, par tere chele upavas naheen karate?१५yeeshu ne un se kaha kya baratee, jab tak dulha un ke sath haai shaek kar sakate haain? 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