बाइबिल छंद विषय परविषय परमेश्वर आशीर्वाद आप जिस स्थिति में हैं वैसे ही आ जाएं आज्ञाओं अभिशाप वित्तीय आशीर्वाद मुक्त इच्छा भगवान की कृपा ईश्वर का प्यार भगवान की मर्जी भगवान (समय) में तुम्हे कभी नहीं छोड़ूंगा चमत्कार भगवान के नाम भगवान को अर्पण योजनाओं पाप से बचाया जा रहा है ट्रिनिटी समय बिना शर्त प्रेम विषाणु / रोग कौन ईश्वर है अच्छा चरित्र स्वीकार परहेज़ जवाबदेही साहस देखभाल स्वच्छता प्रतिबद्धता आत्मविश्वास संतोष साहस / बहादुर दया अनुशासन आस्था आभारी सत्कार विनम्र / विनम्रता ईमानदार आदर अखंडता दयालुता प्रेम शील दया धीरज पवित्रीकरण आत्म - संयम विश्वास बुरा चरित्र गुस्सा विश्वासघात धमकाना अप्रसन्नता उपालंभ देना संघर्ष डर मूढ़ पाखंडी ईर्ष्या द्वेष अनुमान आलसी गौरव बदला / प्रतिशोध घमंड हिंसा पाप गर्भपात लत व्यभिचार स्वधर्मत्याग अपशब्द तलाक डाह व्यभिचार लोलुपता गपशप लालच नफरत हवस झूठ बोलना हस्तमैथुन टालमटोल चोरी होना जिंदगी बुढ़ापा जानवरों बच्चे को गोद लेना जन्मदिन सुंदरता अकेला होना डेटिंग लोग मौत डिप्रेशन निराशा प्रभेद व्यायाम करना आचार विचार उपवास प्यार ढूंढना ध्यान केंद्रित परिवार खाना अपराध स्वास्थ्य ख़ुशी नरक बांझपन नौकरी खोना नुकसान मानसिक बीमारी संगीत शादी ईश्वर को पहले रखना दर्द पेरेंटिंग संघर्ष लिंग परीक्षण प्रलोभन पुरुषों के लिए छंद महिलाओं के लिए छंद युद्ध धन विधवाओं चर्च चर्च में भाग ले रहे हैं यीशु का जन्म चर्च उत्पीड़न उपयाजकों झूठे शिक्षक स्वर्ग जा रहे हैं पवित्र आत्मा बाइबल में मसीहा पादरियों ईश्वर की स्तुति करना यीशु से दृष्टांत पेंटेकोस्ट भाषाओं में बोलना Tithing पूजा महिलाएं रोल्स रहस्य एलियंस कैंसर भाग्य डायनासोर ड्रेगन सपने सपाट या गोल पृथ्वी बाइबिल में दिग्गज पिछले दिनों का भविष्य यूनिकॉर्न्स स्वर्गदूत और राक्षस आर्च देवदूत एन्जिल्स शैतान शैतान संरक्षक एन्जिल्स लूसिफ़ेर जादूगर / जादू मठ के संकेत नंबर 3 नंबर 5 नंबर 7 नंबर 8 नंबर 10 अतिरिक्त शराब प्रचुरता नफरत टूटा हुआ दिल नरभक्षण का मौत की सजा ड्रग्स बुराई भावनाएँ हैलोवीन गरीब की मदद करना गर्भपात पुलिस पियर्सिंग / झुमके बहुविवाह Revivial उदासी विज्ञान आत्म रक्षा गुलामी आत्महत्या प्रतिभा टैटू काम अच्छा चरित्र : [संतोष] मत्ती 6:25-33[25] “एहि लेल हम अहाँ सभ केँ कहैत छी, अपना प्राणक लेल चिन्ता नहि करू जे हम की खायब वा की पीब, आ ने शरीरक लेल चिन्ता करू जे की पहिरब। की भोजन सँ प्राण, आ वस्त्र सँ शरीर बेसी मूल्यवान नहि अछि? [26] आकाशक चिड़ै सभ केँ देखू—ओ सभ ने बाउग करैत अछि, ने कटनी करैत अछि आ ने कोठी मे अन्न रखैत अछि, मुदा तैयो अहाँ सभक पिता जे स्वर्ग मे छथि से ओकर सभक पालन करैत छथिन। की अहाँ सभ चिड़ै सभ सँ बहुत मूल्यवान नहि छी? [27] चिन्ता कऽ कऽ अहाँ सभ मे सँ के अपना उमेर केँ एको घड़ी बढ़ा सकैत छी? [28] “वस्त्रक लेल अहाँ चिन्ता किएक करैत छी? जंगलक फूल सभ केँ देखू जे ओ सभ कोन तरहेँ फुलाइत अछि। ओ सभ ने खटैत अछि, आ ने चर्खा कटैत अछि। [29] हम अहाँ सभ केँ कहैत छी जे, राजा सुलेमान सेहो अपन राजसी वस्त्र पहिरि कऽ एहि फूल सन सुन्दर नहि लगैत छलाह। [30] जँ परमेश्वर मैदानक घास, जे आइ अछि आ काल्हि आगि मे जराओल जायत, तकरा एहि तरहेँ हरियरी सँ भरल रखैत छथि, तँ ओ अहाँ सभ केँ आओर किएक नहि पहिरौताह-ओढ़ौताह? अहाँ सभ केँ कतेक कम विश्वास अछि! [31] “एहि लेल चिन्ता नहि करू जे हम सभ की खायब, की पीब वा की पहिरब। [32] कारण, एहि सभ बातक पाछाँ तँ परमेश्वर केँ नहि चिन्हऽ वला जातिक लोक सभ पड़ल रहैत अछि। अहाँ सभक पिता जे स्वर्ग मे छथि से जनैत छथि जे अहाँ सभ केँ एहि बात सभक आवश्यकता अछि। [33] बल्कि सभ सँ पहिने परमेश्वरक राज्य पर, आ परमेश्वर जाहि प्रकारक धार्मिकता अहाँ सँ चाहैत छथि, ताहि पर मोन लगाउ, तँ ई सभ वस्तु सेहो अहाँ केँ देल जायत। 2 कोरिन्थी 11:23-25[23] की ओ सभ मसीहक सेवक अछि? हम पागल जकाँ बजैत छी!—हम ओकरा सभ सँ बढ़ि कऽ छी। हम ओकरा सभ सँ अधिक परिश्रम कयने छी, हम ओकरा सभ सँ बेसी बेर जहल मे पड़लहुँ, नहि जानि हम कतेक बेर पिटल गेलहुँ। कतेको बेर मरैत-मरैत बचलहुँ। [24] यहूदी सभ हमरा पाँच बेर एक-कम-चालिस कोड़ा लगबौलक। [25] हम तीन बेर बेंतक मारि सहलहुँ। एक बेर हमरा मारि देबाक लेल हमरा पर पथरबाहि कयल गेल। तीन बेर एना भेल जे, जाहि पानि जहाज पर हम यात्रा कऽ रहल छलहुँ से ध्वस्त भऽ गेल। एक बेर दिन-राति भरि हम समुद्र मे बहैत रहलहुँ। फिलिप्पी 4:12-13[12] हम विपन्नता मे रहनाइ आ सम्पन्नता मे रहनाइ, दूनू सँ परिचित छी। चाहे तृप्त होइ वा भूखल होइ, सम्पन्न होइ वा अभाव मे होइ, हम कोनो परिस्थिति मे सन्तुष्ट रहनाइ सिखि लेने छी। [13] जे हमरा बल दैत छथि हम तिनका द्वारा सभ किछु कऽ सकैत छी। इब्रानी 13:5अहाँ सभ धनक लोभ सँ मुक्त रहू। जे किछु अहाँ लग अछि ताहि सँ सन्तुष्ट रहू, कारण परमेश्वर कहने छथि, “हम तोहर संग कहियो नहि छोड़बह कहियो तोरा नहि त्यागबह।”1 तिमुथियुस 6:6-7[6] भक्ति सँ अवश्य पैघ लाभ होइत अछि, मुदा तकरे, जे अपन स्थिति सँ सन्तुष्ट रहैत अछि। [7] किएक तँ अपना सभ एहि संसार मे ने किछु लऽ कऽ आयल छी आ ने एतऽ सँ किछु लऽ कऽ जायब। लूका 12:15तखन ओ लोक सभ केँ कहलथिन, “सावधान! सभ तरहक लोभ सँ बाँचल रहू! कारण, मनुष्यक जीवन ओकर धन-सम्पत्ति पर निर्भर नहि रहैत छैक, ओ चाहे कतबो धनिक होअय।”2 कोरिन्थी 12:10तेँ मसीहक लेल हम अपन दुर्बलता सभ मे, अपमान सभ मे, कष्ट सभ मे, सतावट सभ मे आ विपत्ति सभ मे प्रसन्न रहैत छी, किएक तँ जखन हम दुर्बल छी तखने बलगर होइत छी। 37:3-41 तिमुथियुस 6:10-11[10] कारण, धनक लोभ सभ प्रकारक अधलाह बातक जड़ि अछि। एही लोभ मे पड़ि कऽ कतेको लोक सत्यक बाट सँ भटकि कऽ अपन विश्वास त्यागि देने अछि आ अपन मोन केँ विभिन्न दुःख-कष्ट सँ बेधि लेने अछि। [11] मुदा यौ परमेश्वरक भक्त, अहाँ एहि सभ बात सँ दूर भागू आ धार्मिकता, भक्ति, विश्वास, प्रेम, धैर्य आ नम्रताक साधना मे लागू। 16:8 28:6 3:13 Maithili Bible 2010 ©2010 The Bible Society of India and WBT