बाइबिल छंद विषय परविषय परमेश्वर आशीर्वाद आप जिस स्थिति में हैं वैसे ही आ जाएं आज्ञाओं अभिशाप वित्तीय आशीर्वाद मुक्त इच्छा भगवान की कृपा ईश्वर का प्यार भगवान की मर्जी भगवान (समय) में तुम्हे कभी नहीं छोड़ूंगा चमत्कार भगवान के नाम भगवान को अर्पण योजनाओं पाप से बचाया जा रहा है ट्रिनिटी समय बिना शर्त प्रेम विषाणु / रोग कौन ईश्वर है अच्छा चरित्र स्वीकार परहेज़ जवाबदेही साहस देखभाल स्वच्छता प्रतिबद्धता आत्मविश्वास संतोष साहस / बहादुर दया अनुशासन आस्था आभारी सत्कार विनम्र / विनम्रता ईमानदार आदर अखंडता दयालुता प्रेम शील दया धीरज पवित्रीकरण आत्म - संयम विश्वास बुरा चरित्र गुस्सा विश्वासघात धमकाना अप्रसन्नता उपालंभ देना संघर्ष डर मूढ़ पाखंडी ईर्ष्या द्वेष अनुमान आलसी गौरव बदला / प्रतिशोध घमंड हिंसा पाप गर्भपात लत व्यभिचार स्वधर्मत्याग अपशब्द तलाक डाह व्यभिचार लोलुपता गपशप लालच नफरत हवस झूठ बोलना हस्तमैथुन टालमटोल चोरी होना जिंदगी बुढ़ापा जानवरों बच्चे को गोद लेना जन्मदिन सुंदरता अकेला होना डेटिंग लोग मौत डिप्रेशन निराशा प्रभेद व्यायाम करना आचार विचार उपवास प्यार ढूंढना ध्यान केंद्रित परिवार खाना अपराध स्वास्थ्य ख़ुशी नरक बांझपन नौकरी खोना नुकसान मानसिक बीमारी संगीत शादी ईश्वर को पहले रखना दर्द पेरेंटिंग संघर्ष लिंग परीक्षण प्रलोभन पुरुषों के लिए छंद महिलाओं के लिए छंद युद्ध धन विधवाओं चर्च चर्च में भाग ले रहे हैं यीशु का जन्म चर्च उत्पीड़न उपयाजकों झूठे शिक्षक स्वर्ग जा रहे हैं पवित्र आत्मा बाइबल में मसीहा पादरियों ईश्वर की स्तुति करना यीशु से दृष्टांत पेंटेकोस्ट भाषाओं में बोलना Tithing पूजा महिलाएं रोल्स रहस्य एलियंस कैंसर भाग्य डायनासोर ड्रेगन सपने सपाट या गोल पृथ्वी बाइबिल में दिग्गज पिछले दिनों का भविष्य यूनिकॉर्न्स स्वर्गदूत और राक्षस आर्च देवदूत एन्जिल्स शैतान शैतान संरक्षक एन्जिल्स लूसिफ़ेर जादूगर / जादू मठ के संकेत नंबर 3 नंबर 5 नंबर 7 नंबर 8 नंबर 10 अतिरिक्त शराब प्रचुरता नफरत टूटा हुआ दिल नरभक्षण का मौत की सजा ड्रग्स बुराई भावनाएँ हैलोवीन गरीब की मदद करना गर्भपात पुलिस पियर्सिंग / झुमके बहुविवाह Revivial उदासी विज्ञान आत्म रक्षा गुलामी आत्महत्या प्रतिभा टैटू काम जिंदगी: [लिंग] 2 कोरिन्थी 12:21आब हम तेसर बेर अहाँ सभक ओतऽ आबि रहल छी। धर्मशास्त्रक नियमक अनुसार, “प्रत्येक बातक पुष्टि दू वा तीन गवाहक गवाही पर कयल जायत।”इफिसी 5:3अहाँ सभ मे कोनो तरहक अनैतिक शारीरिक सम्बन्ध नहि होअय, कोनो प्रकारक अपवित्र विचार-व्यवहार नहि होअय, कोनो लोभ नहि होअय—एहि सभक चर्चो तक नहि। कारण, ई सभ बात परमेश्वरक पवित्र लोकक लेल उचित नहि अछि।इफिसी 5:33तैयो एकर व्यक्तिगत रूप मे सेहो अर्थ होइत अछि—अहाँ सभ मे सँ हर व्यक्ति जहिना अपना सँ प्रेम करैत छी तहिना अपना स्त्री सँ प्रेम करू, और स्त्री अपन पतिक आदर करथि।गलाती 5:19आब देखू, पापी स्वभावक काज सभ स्पष्ट अछि, जेना गलत शारीरिक सम्बन्ध, अशुद्ध विचार-व्यवहार, निर्लज्जता, 2:24इब्रानी 13:4सभ केओ विवाह-बन्धन केँ आदरक दृष्टि सँ देखथि। वैवाहिक सम्बन्ध दुषित नहि कयल जाय कारण, जे अनैतिक सम्बन्ध रखैत अछि, चाहे ओ विवाहित होअय वा अविवाहित, परमेश्वर तकरा दण्ड देताह।1 कोरिन्थी 6:9की अहाँ सभ ई नहि जनैत छी जे अधर्मी लोक परमेश्वरक राज्य मे प्रवेश करबाक अधिकारी नहि होयत? अपना केँ धोखा नहि दिअ! अनैतिक शारीरिक सम्बन्ध रखनिहार, मूर्तिक पूजा कयनिहार, परस्त्रीगमन कयनिहार, वेश्या सनक काज कयनिहार पुरुष, समलैंगिक सम्बन्ध रखनिहार लोक,1 कोरिन्थी 6:18अनैतिक सम्बन्ध सँ दूर रहू। आरो सभ पाप जे मनुष्य करैत अछि, से शरीर सँ हटल अछि, मुदा जे ककरो संग अनैतिक सम्बन्ध रखैत अछि से अपना शरीरेक विरुद्ध पाप करैत अछि।1 यूहन्ना 1:9मुदा जँ अपना सभ अपन पाप केँ मानि लेब तँ ओ जे विश्वासयोग्य और न्यायी छथि अपना सभ केँ पापक क्षमा करताह और अपना सभ केँ सभ अधर्म सँ शुद्ध करताह।मत्ती 5:28मुदा हम अहाँ सभ केँ कहैत छी जे, जे कोनो पुरुष कोनो स्त्री केँ अधलाह इच्छा सँ देखैत अछि, से तखने अपना मोन मे ओकरा संग परस्त्रीगमन कऽ लेलक।मरकुस 7:22-23[22] लोभ, दुष्कर्म, धोखा, निर्लज्जता, ईर्ष्या, निन्दा, घमण्ड, और मूर्खता। [23] ई सभ बात मनुष्यक भीतर मे सँ निकलैत अछि और ओकरा अशुद्ध करैत अछि।” 1 थिसलुनिकी 4:3-5[3] परमेश्वरक इच्छा ई छनि जे अहाँ सभ पवित्र बनी। ओ चाहैत छथि जे अहाँ सभ दोसराक संग सभ तरहक अनैतिक शारीरिक सम्बन्ध सँ दूर रही, [4] अहाँ सभ मे सँ प्रत्येक व्यक्ति अपना शरीर केँ पवित्रता और मर्यादाक संग नियन्त्रण मे राखी, [5] आ नहि कि प्रभुक शिक्षा सँ अपरिचित जातिक लोक सभ, जे सभ परमेश्वर केँ नहि चिन्हैत अछि, तकरा सभ जकाँ अपना शरीर केँ वासनाक पूर्ति करबाक साधन बुझी। मरकुस 10:6-9[6] लेकिन सृष्टिक शुरुए सँ परमेश्वर मनुष्य केँ ‘पुरुष आ स्त्री बनौलनि।’ [7] ‘एहि कारणेँ पुरुष अपन माय-बाबू केँ छोड़ि अपन स्त्रीक संग रहत और दूनू एक शरीर भऽ जायत।’ [8] आब ओ सभ दू नहि अछि—एके भऽ गेल। [9] तेँ जकरा परमेश्वर जोड़ि देलथिन तकरा मनुष्य अलग नहि करओ।” 5:15-191 कोरिन्थी 13:4-8[4] प्रेम सहनशील आ दयालु होइत अछि। प्रेम डाह नहि करैत अछि, प्रेम अपन बड़ाइ नहि करैत अछि आ ने घमण्ड करैत अछि। [5] प्रेम अभद्र व्यवहार नहि करैत अछि, ओ स्वार्थी नहि अछि, जल्दी सँ खौंझाइत नहि अछि आ ने अपराधक हिसाब रखैत अछि। [6] प्रेम अधर्म सँ प्रसन्न नहि होइत अछि, बल्कि सत्य सँ आनन्दित होइत अछि। [7] प्रेम सभ बात सहन करैत अछि, सभ स्थिति मे विश्वास रखैत अछि, सभ स्थिति मे आशा रखैत अछि आ सभ स्थिति मे लगनशील रहैत अछि। [8] प्रेमक अन्त कहियो नहि होयत। परमेश्वरक दिस सँ सम्बाद पौनाइ समाप्त भऽ जायत, अनजान भाषा सभ बजनाइ बन्द भऽ जायत आ ज्ञान लुप्त भऽ जायत। 7:6-121 कोरिन्थी 6:13-20[13] “भोजन पेटक लेल अछि आ पेट भोजनक लेल”—मुदा परमेश्वर दूनू केँ समाप्त कऽ देताह। शरीर अनैतिक सम्बन्धक लेल नहि, बल्कि प्रभुक सेवाक लेल अछि आ प्रभु शरीरक कल्याणक लेल। [14] परमेश्वर जहिना अपना सामर्थ्य सँ प्रभु यीशु केँ मृत्यु मे सँ जिऔलथिन तहिना ओ हमरो सभ केँ जिऔताह। [15] की अहाँ सभ ई नहि जनैत छी जे अहाँ सभक शरीर मसीहक अंग सभ अछि? तँ की हम मसीहक अंग लऽ कऽ तकरा वेश्याक अंग बना दिऐक? किन्नहुँ नहि! [16] की अहाँ सभ नहि जनैत छी जे वेश्याक संग जे केओ अपन शरीर जोड़ैत अछि से ओकरा संग एक शरीर भऽ जाइत अछि? किएक तँ धर्मशास्त्र कहैत अछि जे, “दूनू एक शरीर भऽ जायत।” [17] मुदा जे प्रभु सँ संयुक्त भऽ जाइत अछि से हुनका संग आत्मा मे एक बनि जाइत अछि। [18] अनैतिक सम्बन्ध सँ दूर रहू। आरो सभ पाप जे मनुष्य करैत अछि, से शरीर सँ हटल अछि, मुदा जे ककरो संग अनैतिक सम्बन्ध रखैत अछि से अपना शरीरेक विरुद्ध पाप करैत अछि। [19] की अहाँ सभ नहि जनैत छी जे अहाँ सभक शरीर परमेश्वरक पवित्र आत्माक मन्दिर अछि, जे आत्मा अहाँ सभ मे वास करैत छथि आ जे अहाँ सभ केँ परमेश्वर सँ प्राप्त भेल छथि? अहाँ सभ अपन नहि छी। [20] अहाँ सभ दाम दऽ कऽ किनल गेल छी। एहि लेल अपना शरीर द्वारा परमेश्वरक सम्मान करू। Maithili Bible 2010 © 2010 The Bible Society of India and © Wycliffe Bible Translators, Inc